किसानों का ‘गांव बंद’ आंदोलन
किसानों का ‘गांव बंद’ आंदोलन बढ़ाएगा शिव’राज’ की मुश्किल, शहरों में सब्जी-दूध के पड़ जाएंगे लाले
22 hours ago
इंदौर। एक बार फिर किसान आंदोलन प्रदेश सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकता है। 1 जून से एक बार फिर किसानों ने देशव्यापी आंदोलन करने का मन बना लिया है। आंदोलन के तहत किसान अपने उत्पादों को शहर में नहीं ले जाएंगे और न ही शहर में आकर किसी तरह की खरीदी करेंगे।
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राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के अध्यक्ष शिवनारायण शर्मा ने इंदौर प्रेस क्लब में पत्रकारवार्ता करते हुए, 1 जून से 10 जून तक देशव्यापी गांव बंद की घोषणा की है। शर्मा ने कहा कि किसान को लुभावने वादे देकर प्रदेश सरकार ने सिर्फ ठगा है। किसानों के विभिन्न संगठन मिलकर 25 सूत्रीय मांगों के चलते 10 दिनों के लिए गांव बंद का आह्वान कर रहे हैं।
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6 जून को श्रद्धांजली सभा, 10 जून को भारत बंद
इसके तहत गांव का किसान शहर आकर न तो सामान खरीदेगा और न ही बेचेगा। आंदोलन का कोई असामजिक तत्व फायदा नहीं न उठाये, इसको लेकर 130 निगरानी समिति बनाई गई है। गांव के बाहर ही दूध और सब्जियां बेची जाएगी, लेकिन शहर सीमा में प्रवेश नहीं करेंगे। आंदोलन के तहत 5 जून को धिक्कार दिवस, मंदसौर गोलीकांड में मारे गए किसानों के लिए 6 जून को श्रद्धांजली सभा, 8 जून को असहयोग आंदोलन और 10 जून को भारत बंद किया जाएगा।
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मुख्य मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी बंद
किसनों का कर्जा माफ़, फसलों पर लागत के आधार पर डेढ़ गुना मूल्य दिया जावे। 55 साल के किसनों को पेंशन, फल, सब्जी, दूध पर भी आधार पर डेढ़ गुना मूल्य दिया जावे। इन मुख्य मांगों को लेकर बंद किया जाएगा। बड़ी बात यह है कि पिछली बार यह बंद 16 जिलों में था, लेकिन इस बार यह बंद राष्ट्रव्यापी होगी