पुत्रो के प्रकार, कैसे होती है पुत्रो की प्राप्ति ! Jane Kese Hoti Hai Putro Ki Prapti
पूर्व जन्मों के कर्मों से ही हमें इस जन्म में माता-पिता भाई-बहन पति पत्नी प्रेमी,मित्र शत्रु से संबंधित यदि संसार के जितने भी रिश्ते नाते हैं सब मिलते हैं क्योंकिक्योंकि इनसे या तो हमें कुछ लेना होता है या कुछ देना होता है
संतान के रूप में कौन आता है?
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वैसे ही संतान के रूप में हमारा कोई पूर्व जन्म का संबंधी ही आकर जन्म लेता है जिसे शास्त्रों में चार प्रकार से बताया गया है..
🙏🏻ऋणानुबंध🙏🏻:::पूर्व जन्म का कोई ऐसा जीव जिससे आप ने ऋण लिया हो या उसका किसी प्रकार से धन नष्ट किया होगा आपके घर में संतान बन कर जन्म लेगा
और आपका धन बीमारी में या व्यर्थ के कार्यों में तब तक नष्ट करेगा तब तक उसका हिसाब पूरा ना हो जाए
🙏🏻 शत्रु पुत्र 🙏🏻
पूर्व जन्म का कोई दुश्मन आपसे बदला लेने के लिए आपके घर में संतान बनकर आएगा और बड़ा होने पर माता-पिता से मारपीट, झगड़ा या उन्हें सारी जिंदगी किसी भी प्रकार से सताता ही रहेगा हमेशा कड़वा बोल कर उनकी बेइज्जती करेगा वह उन्हें दुखी रखकर खुश होगा
🙏🏻उदासीन पुत्र 🙏🏻
इस प्रकार की संतान ना तो माता-पिता की सेवा करती है और ना ही कोई सुख देती है बस उनको उनके हाल पर मरने के लिए छोड़ देती हैविवाह होने पर या माता-पिता से अलग हो जाते हैं..
🙏🏻सेवक पुत्र 🙏🏻
पूर्व जन्म में थी आपने किसी की खूब सेवा की है तो वहां अपनी की हुई सेवा का ऋण उतारने के लिए आपका पुत्र या पुत्री बनकर आता है और आपकी सेवा करता है जो बोया है वही तो काटेगा अपने मां-बाप की सेवा की है तो ही आप की औलाद बुढ़ापे में आपकी सेवा करेगी वरना कोई पानी पिलाने वाला नहीं
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