करवा चौथ 2017 व्रत विधि, Muhurt : करवा चौथ का व्रत रखने वाली सुहागिनें भूलकर भी न करें पूजा विधि में ये गलतियां

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हिंदू धर्म में करवा चौथ नारी के जीवन का सबसे अहम दिन होता है जिसे भारतीय सुहागिन स्त्रियां एक पर्व के रूप में मनाती हैं व पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखकर व चंद्रमा की पूजा-अर्चना करती हैं।करवा चौथ का व्रत केवल सौभाग्यवती स्त्रियों को ही करने का अधिकार है, इसलिए जिनके पति जीवित होते हैं, केवल वे स्त्रियां ही ये व्रत करती हैं। हिंदू धर्म में करवा चौथ नारी के जीवन का सबसे अहम दिन होता है जिसे भारतीय सुहागिन स्त्रियां एक पर्व के रूप में मनाती हैं व पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखकर व चंद्रमा की पूजा-अर्चना करती हैं, तथा भगवान चंद्रमा से अपने पति की लम्‍बी आयु का वरदान मांगती हैं। स्त्रियों के लिए यह व्रत सुबह ब्रह्ममुहूर्त से शुरू होकर रात्रि में चंद्रमा-दर्शन के साथ संपूर्ण होता है। भारतीय स्त्रियों के लिए करवा चौथ का ये व्रत उनके पति के प्रति आस्था, प्यार, सम्मान व समर्पण को प्रदर्शित करता है। करवा चौथ के दिन महिलाऐं अपने पति की लम्‍बी उम्र की कामना के साथ दिन भर निर्जला उपवास रखती हैं, करवा चौथ से सम्‍बंधित कथा-कहानियाँ सुनती-सुनाती हैं तथा रात्रि में चंद्र उदय होने पर उसकी पूजा-अर्चना कर पति के हाथों से पानी का घूंट पीकर अपना उपवास पूर्ण करती हैं।

करवा चौथ शुभ मुहूर्त- Karwa Chauth Shubh Muhurt

तारीख-8 अक्टूबर, दिन- रविवार, करवा चौथ पूजा मुहूर्त- 17:55 से 19:09

चंद्रोदय- 20:14

चतुर्थी तिथि आरंभ- 16:58 (8 अक्टूबर )

चतुर्थी तिथि समाप्त- 14:16 (9 अक्टूबर)

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करवा चौथ 2017 चंद्रोदय का समय – Karwa Chauth Chand Nikalane ka Samay 2017

करवाचौथ पर महिलाएं चंद्रमा की पूजा करती हैं. इस दिन महिलाएं बिना चंद्रमा के पूजा संपन्न कर अपने पति के हाथ से पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं. कहा जाता है कि चाँद देखे बिना व्रत अधूरा रहता है. जबतक चांद की पूजा के कोई महिला न कुछ भी खा सकती हैं और न पानी पी सकती हैं .इस दिन चंद्रोदय का समय शाम 08:11 pm होगा.

करवा चौथव्रत विधि – Karva Chauth Vrat Vidhi and Katha

घर के दीवार पर गेरू से फलक बनाकर पिसे चावलों के घोल से करवा चित्र बनाएं। इसे वर कहा जाता है। चित्र बनाने की कला को करवा धरना कहा जाता है।

आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ और पक्के पकवान बनाएं। पीली मिट्टी से गौरी बनाएं साथ ही गणेश को बनाकर गौरी के गोद में बिठाएं। गौरी को लकड़ी के आसन पर बिठाएं। चौक बनाकर आसन को उस पर रखें। गौरी को चुनरी ओढ़ाएं। बिंदी आदि सुहाग सामग्री से गौरी का श्रृंगार करें। जल से भरा हुआ लोटा रखें। भेंट देने के लिए मिट्टी का टोंटीदार करवा लें। करवा में गेहूं और ढक्कन में शक्कर का बूरा भर दें। उसके ऊपर दक्षिणा रखें।रोली से करवा पर स्वस्तिक बनाएं। गौरी-गणेश और चित्रित करवा की परंपरानुसार पूजा करें। पति की दीर्घायु की कामना करें।

‘नमः शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभाम्‌। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे॥’ इस मंत्र को पढ़कर पति की दीर्घायु की कामना करें

करवा पर 13 बिंदी रखें और गेहूं या चावल के 13 दाने हाथ में लेकर करवा चौथ की कथा कहें या सुनें। कथा सुनने के बाद करवा पर हाथ घुमाकर अपनी सासुजी के पैर छूकर आशीर्वाद लें और करवा उन्हें दे दें। तेरह दाने गेहूं के और पानी का लोटा या टोंटीदार करवा अलग रख लें।

रात्रि में चन्द्रमा निकलने के बाद छलनी की ओट से उसे देखें और चन्द्रमा को अर्घ्य दें। इसके बाद पति से आशीर्वाद लें। उन्हें भोजन कराएं और स्वयं भी भोजन कर लें।

करवा चौथ पर न करें ये काम – Things to Avoid during Karwa Chuath Vrat

प्रचलित मान्यताओं के अनुसार वैसे तो हर जगह के अनुसार करवा चौथ की पूजन विधि अलग-अलग होती है. इस व्रत को रखने से एक दिन पहले महिलाएं हाथों में मेंहदी रचाती हैं. ज्यादातर महिलाएं अपने घर की परंपराओं और रीति रिवाजों के अनुसार पूजा करती हैं और कहानी सुनती हैं. लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे काम बताने जा रहे हैं, जो करवा चौथ व्रत के दिन भूलकर भी नहीं करना चाहिएं. आज के दिन किसी भी सुहागन को बुरा – भला कहने के अलावा उसे शाप देने की गलती बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए.इस व्रत में शिव, पार्वती, कार्तिकेय, गणेश तथा चंद्रमा का पूजन किया जाता है. करवा चौथ की भी अपनी एक कहानी है जिसे स्त्रियां कथा के रूप में व्रत के दिन सुनती हैं.

सुहागिनों को इस दिन खास तौर पर ध्यान रखना चाहिए कि सुहाग सामग्री यानि चूड़ी, लहठी, ब‌िंदी, स‌िंदूर को कचड़े में बिल्कुल ना फेंके. इतना ही नहीं अगर चूड़ी पहनते वक्त टूट भी जाए तो उसे संभालकर पूजा स्थान पर रख दें. आज के दिन सबसे खास बात ध्यान रखें कि अपने मन में पति के अलावा किसी भी अन्य पुरूष का किसी भी तरह का कोई विचार ना लाएं. करवा चौथ का व्रत रखने वाली सुहागिनों को इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि आज के दिन स‌िलाई, कटाई, बुनाई के ल‌िए कैंची, सुई, चाकू का इस्तेमाल न करें.